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Story Teaching Methods | कहनी शिक्षण की विधियाँ

Story Teaching Methods | कहनी शिक्षण की विधियाँ 

Story Teaching Methods

कहानी विधि - 
इस विधि का प्रवर्तक माॅरिया मांटेसरी है। इनके द्वारा ही कहानी विधि का निर्माण किया गया। 

कहानी विधि में तीन प्रकार की विधियां सम्मिलित है जो निम्न प्रकार से हैं इनका विस्तार से अध्ययन आगे करेंगे पहले जानते हैं कि यह विधियां कौन-कौन सी है।

1. कहानी कथन विधि - 
इस विधि का प्रयोग पूर्व प्राथमिक स्तर अर्थात् कक्षा 1 से पूर्व वाले कक्षाओं के लिए किया जाता है। जैसे- नर्सरी एलकेजी एचकेजी आदि।

2. चित्र कहानी विधि - 
इस विधि का प्रयोग प्राथमिक स्तर की कक्षाओं के लिए किया जाता है इसमें कक्षा 1 से लेकर 5 तक की कक्षाएं सम्मिलित है। इस विधि में चित्र के माध्यम से बच्चों को कहानी बताई जाती है।

3. अधूरी कहानी पूर्ति विधि - 
इस विधि का प्रयोग उच्च प्राथमिक स्तर की कक्षाओं के लिए किया जाता है। जिसमें कक्षा 6 से लेकर 8 तक की कक्षाएं सम्मिलित है । इसमें अधूरे वाक्य दिए जाते हैं जिनको पूरा करना होता है और बच्चा कहानी लिखना सीख जाता है।

यह कहानी शिक्षण की सर्वश्रेष्ठ विधि है। इससे कहानी शिक्षण के सभी उद्देश्यों की पूर्ति सरलता से हो जाती है प्रत्येक स्तर पर यह उपयोग की विधि है किंतु इस तरह के अनुसार इसके तीन प्रकार हैं जो निम्न है।

  1.  कहानी कथन विधि- इस विधि में अध्यापक कहानी को कथन के माध्यम से व्यक्त करता है और विद्यार्थी रुचि पूर्वक कहानी सुनते हैं। कहानी समाप्त होने पर अध्यापक विद्यार्थियों से कहानी का मूल भाव जानने का प्रयास करता है। विद्यार्थी अपनी कल्पना के आधार पर मूल भाव स्पष्ट करते हैं। अंत में अध्यापक उन्हें शुद्ध रूप में प्रस्तुत करता है। यह पूर्व प्राथमिक स्तर पर कहानी शिक्षण की सर्वश्रेष्ठ विधि है।
  2. चित्र कहानी विधि- इस विधि में विद्यार्थियों की पाठ्यपुस्तक में ऐसी कहानियां सम्मिलित की जाती है जो चित्रों के माध्यम से कहानी को व्यक्त या घटित करती है। विद्यार्थी चित्र देखकर अध्यापक के साथ कहानी पढ़ते हैं और अंत में अध्यापक विद्यार्थी कहानी का मूल भाव जानने का प्रयास करता है। विद्यार्थी कल्पना शक्ति के आधार पर कहानी का मूल भाव प्रस्तुत करते हैं जिससे उनकी कल्पना शक्ति का निर्धारण हो जाता है। यह प्राथमिक स्तर पर कहानी शिक्षण की सर्वश्रेष्ठ विधि है।
  3. अधूरी कहानी पूर्ति विधि-  इस विधि में अध्यापक कहानी को मौखिक रूप से अथवा लिखित रूप से अधूरी कहानी के रूप में प्रस्तुत करता है। विद्यार्थियों से उसे पूर्ण कराने का प्रयास करता है। विद्यार्थी तर्क चिंतन एवं कल्पना के आधार पर उस कहानी की पूर्ति करते हैं जिसे अध्यापक पढ़कर विद्यार्थियों की कल्पना शक्ति का मूल्यांकन कर लेता है। अंत में अध्यापक कहानी का मूल भाव प्रस्तुत करता है । यह उच्च प्राथमिक स्तर की का सर्वश्रेष्ठ विधि है।


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