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हरबर्टीय विधि/हरबर्ट की पंचपदीय विधि | Harbertiya Method/Harbert Panchpadi Teaching

 हरबर्टीय विधि/हरबर्ट की पंचपदीय विधि |Harbertiya Method/Harbert Panchpadi Teaching - जाॅन फ्रेडरिक हरबर्ट-1938 (अमेरिका)

विस्तार- अमेरिका के प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री जॉन फ्रेडरिक घर हरबर्ट ने दैनिक पाठ योजना के लिए सबसे पहले प्रयास किया अतः इन्हें दैनिक पाठ योजना का जनक दिखाते हैं।

 इन्होंने दैनिक पाठ योजना के निर्माण के लिए चार सिद्धांत निर्मित किए-

  1.  स्पष्टता का सिद्धांत 
  2. संबंध का सिद्धांत 
  3. व्यवस्था का सिद्धांत 
  4. प्रयोग का सिद्धांत
इन चारों सिद्धांत के आधार पर जे. एफ.  हरबर्ट के तीन शिष्य (1) हरबर्ट स्पेंसर (2) जिलर (3) राईन ने मिलकर 5 पद निर्मित किए।

सबसे पहले जिलर ने स्पष्टता के सिद्धांत के आधार पर 2 पद निर्मित किए।
1. स्पष्टता ---> (i) प्रस्तावना (ii)  प्रस्तुतीकरण

जे.एफ. हरबर्ट के प्रमुख शिष्य हरबर्ट स्पेंसर ने शेष तीनों सिद्धांतों के आधार पर 3 पद निर्मित किए जो निम्न प्रकार है।

2. संबंध ----> (iii) तुलना
3. व्यवस्था --> (iv) व्यवस्था/सामान्यीकरण/नियमीकरण / निर्धारण का सिद्धांत
4. प्रयोग-----> (v) प्रयोग

इस प्रकार जे. एफ. हरबर्ट के अन्य शिष्य राईन ने भी प्रस्तावना व प्रस्तुतीकरण के मध्य एक पद ओर शामिल किया जो (vi) उद्देश्य कथन था।

इस प्रकार के जे.एफ. हरबर्ट के तीनों शिष्यों ने मिलकर के चारों सिद्धांतों के आधार पर कुल 5 पद निर्मित किए जिनका नामकरण जे.एफ. हरबर्ट के नाम पर किया गया अतः इसे हरबर्टीय विधि/हरबर्ट की पंचपदी विधि कहा गया। ये पांचों पद निम्न है -
Harbertiya Method/Harbert Panchpadi Teaching

1. प्रस्तावना - उद्देश्य कथन
2. प्रस्तुतीकरण
3. तुलना
4. व्यवस्था/सामान्यीकरण/नियमीकरण/पूर्वावलोकन/ निर्धारण का सिद्धांत
5. प्रयोग 

इन पांचों पदों में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्तुतीकरण है।

भारत में 1960 ईस्वी तक दैनिक पाठ योजना का निर्माण इसी विधि के आधार पर किया जाता था ।

1961 ईस्वी से दैनिक पाठ योजनाओं का निर्माण भारतीय उपागम एनसीईआरटी उपागम के आधार पर किया जा रहा है।




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